Short Hindi Kahani- “ मेंढक की प्रेरणादायक हिंदी कहानी ”

Hello Everyone! Today’s our New Story is “ मेंढक की प्रेरणादायक हिंदी कहानी ” Are you looking for The Short Hindi Kahani?. So, guys, this is available here. Here we Published Every day A New Inspirational Interesting Moral Stories in Hindi.

दोस्तों! यह कहानी हमारी जिंदगी में यह बात सिखाती है की जब भी हम अपने लक्ष्य के लिए बढ़ते है तो लक्ष्य को पूरा कर पाना हमारे लिए आसान होता है लेकिन कई बार जब हम असफल होते है तो बहुत सारे लोग ऐसे होते है जो हमें यह कहते है की “तुम नहीं कर पाओगे”, छोड़ दो तुमसे नहीं होगा और इस वजह से हम मान लेते है की सायद हम यह नहीं कर पाएंगे।

हम सब अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं, अगर हम अपने चारों तरफ मौजूद Negativity पर ध्यान न दें तो किसी के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है, लेकिन आवश्यकता इस बात कि है की हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रति अंधे हो जायें। जिससे हमें सफलता के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा।

Short Hindi Kahani

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दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित हैया फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!

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INTERESTING MORAL STORY

“ मेंढक की प्रेरणादायक हिंदी कहानी ”

एक बार दो मेंढक घुमने जा रहे थे। तभी रास्ते के एक गहरे गड्डे पर दोनों मेंढक गिर गया। जिससे वह दोनों मेंढक बहुत डर गये ,वह निकलने के लिए बहुत प्रयास कर रहे थे परन्तु वहाँ से नहीं निकल पा रहे थे। फिर भी कोशिश करते ही रहे।

वही से कुछ मेंढक गुजर रहे थे। दोनों मेंढको को ऐसे देख कर उनका मजाक उड़ाने लगे
और बोलने लगे कि तुमसे नहीं हो पायेगा। हाथ-पैर मारने का कोई फायदा नहीं। बेकार की महेनत मत करो। आप लोग किसी भी कीमत पर नहीं बच पाओगें।

उन मेंढको की बातो को नजरंदाज करके दोनों मेंढक बाहर निकलने की बहुत कोशिश करते रहे।
बाहर से झांकते मेंढक उनके न बच पाने की बात बार-बार दोहराए ही जा रहे थे।आखिरकार एक मेंढक निराश हो गया और बहार बोल रहे मेंढको की बात मानकर उसने बाहर निकल पाने की उम्मीद छोड़ दी।

क्योंकि उसे अब लगने लगा कि हम ऊपर नहीं जा पाएंगे। फालतू का मेहनत करना बेकार हैं। यह सोचकर एक मेंढक कोशिश करना बंद कर दिया और वहीं मर गया।

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वही दूसरा मेंढक अब भी बाहर निकलने की कोशिश करते ही जा रहा था। वह बार-बार गिरने पर भी हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास करने लग गये।आखिरकार वह मेंढक गड्ढ़े से बाहर आ गया ।

बाहर निकलते ही मेंढक ने अपने कानो में लगी पत्तियां निकाल दी!

बाहर खड़े मेंढक कुछ समझ नहीं पाए।

उस मेंढक के बहार आने से सभी मेंढको को बड़ा आश्चर्य हुआ और सभी एक साथ पूछने लगे कि तुमने ये कैसे कर लिए । तभी उस मेंढक ने उत्तर दिया- कि मैंने अपने दोनों कानो को बंद कर दी थी ताकि आपकी नकारात्मक और निराशाजनक बातें न सुनाई दें और मेरा मनोबल न टूटे!

जीवन में सफलता के रास्ते पर चलना है तो सबसे पहले उन लोगों को सुनना बंद कर दें जो आपको सिर्फ निराश करते हैं या फिर नकारात्मक सोच रखते हैं। दूसरी बात या वहीं चीजें सुनें जो आपको अपने सपने पूरे करने के लिए प्रेरित करती हैं क्योंकि जो हम सुनते हैं उसी से मिलते-जुलते हमारे कार्य होते हैं।

Moral:-

  • दुसरे लोगों द्वारा कही गयी नकारात्मक और निराशाजनक बातों पर ध्यान न दें, उन्हें अपने मन से तुरंत हटा दें और अपने लक्ष्य के बारे में सोचें।
  • जब लोग आपसे कहें कि आप अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाएंगे, तो बहरे बन जाएं। नकारात्मक लोगों की बातों को न सुनें, क्योंकि वह आपके सपने और इच्छाओं को मार देते हैं। हमेशा सकारात्मक सोचें।

धन्यवाद!

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