Inspirational Short Stories- “आत्म दर्शन”

If you are finding The Inspirational Short Stories. So here is the big collection of Interesting Moral Stories in Hindi. We are Sharing The Everyday a New Moral Story written in Hindi. Now our today’s New Story is “आत्म दर्शन”. We hope you will like this story too much.

Inspirational Short Stories- आत्म दर्शन


मित्रों! यह एक ऐसा Website है जहां हम रोज एक ऐसे ही Inspirational Short Stories Hindi में Share करते हैं
! जो व्यक्ति को एक नैतिक सीख देती है और जीने की कला सिखाती है|

दोस्तों इसमें प्रेषित सभी Moral Stories पाश्चात्य काल के किसी न किसी दैनिक जीवन में घटित घटना से संबंधित है! या फिर लोगों द्वारा कथित तौर पर कही गई है| जो आज निश्चित तौर पर हमारे दैनिक जीवन में घटित होती है!

So Friends! Today’s our

INTERESTING MORAL STORY

आत्म दर्शन

ब्रम्हदेश के महाप्रतापी राजा के नैमिषारण्य में उपस्थित दस सहस्र ऋषि मुनियों से प्रार्थना की कि मैं आत्म दर्शन के लिए आपके सम्मुख प्रार्थी के रूप में उपस्थित हूं| मुझे आत्मा के मुड़ तत्व को जानना समझना है|समझाने की कृपा करें|ऋषि मंडली में मौन सा छा गया| राजा हताश  वहां से लौट आया|

Kings  Meeting

रास्ते में जाने वाले मार्ग पर बैठ ऋषि अष्टावक्र से उसका सामना हो गया| उनके हटे बगैर उस मार्ग से जाना संभव नहीं था|राजा ने उनसे रास्ता छोड़ने को कहा, तो  उन्होंने राजा से कहा: महराज! आप देख ही रहे है की मै शरीर से असमर्थ हूं|अत्यधिक थकान होने के कारण मैं आगे नहीं बढ़ पाउँगा और आज इस मार्ग में ही विश्राम करूंगा| बड़ी कृपा होगी यदि आप दूसरा रास्ता अपना ले|

राजा क्रोध की अग्नि से धधक उठा: अधम पिड़े! तुम्हारा यह दुस्साहस? हट जाओ इस मार्ग से मैं यहां से ही जाऊंगा|अष्टावक्र ने सौम्य अविचलित स्वर में पुनः: राजा! निकट ही दूसरा रास्ता है आप उससे क्यों नहीं चले जाते|

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Inspirational Short Stories in Hindi

राजा ने तमक कर फिर से कहा: नहीं मैं इसी मार्ग से जाऊंगा|महाराज! हठ करना मूर्खता है, और फिर जिस मार्ग पर जाना से आपको कुछ मिलने वाला नहीं है, उसके लिए जिद करना अज्ञानी है|

राजा चकराया उसने पूछा: क्या आशय है तुम्हारा विकलांग?

अष्टावक्र: यही कि आंख बंद करके चलने वाले को कोई भी नहीं सिखा सकता कोई ऋषि मुनि भी नहीं| आत्मदर्शन की बात तो बहुत दूर रही|

राजा ने जब यह बात सुनी तो उसकी आंखें खुल गई रथ से उतर कर उसने अष्टावक्र के चरणों में प्रणाम किया| ऋषि ने कहा बस यही आत्मदर्शन है|

A man

राजन! पल-पल में जीवन को आत्म दर्शन होता रहता है, विडंबना यह हैं की आंख की बात आत्मा तक नहीं पहुंच पाती हैं| निश्चय ही ज्ञान चक्षु खुलने से आत्मदर्शन होता है|

Moral:

धन्यवाद!

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2 Replies to “Inspirational Short Stories- “आत्म दर्शन”

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